पुस्तकालय:

हिंदी भवन में स्थित नेमनारायण गुप्त पुस्तकालय हिंदी प्रचारिणी सभा का एक अमूल्य धरोहर है. यहाँ लाखों पुस्तकें पाई जाती हैं. इस कमरे में जिधर भी देखेंगे पुस्तकें ही पुस्तकें दिखाई देंगी जिनमें स्थानीय तथा विदेशी साहित्यकारों की रचनाएँ मिलेंगी. गद्य, पद्य के आलावा यहाँ आलोचनात्मक पुस्तकें तथा धार्मिक ग्रन्थ भी देख सकते हैं. लेकिन सबसे मूल्यवान चीज़ है ‘दुर्गा’ हस्त लिखित पत्रिका. इस पुस्तकालय से न केवल यहाँ के छात्र बल्कि आसपास के गाँवों के लोग भी लाभान्वित होते हैं

 

पाठ्यपुस्तकें:

प्रवेशिका :

. सचित्र हिंदी व्याकरण तथा रचना

. काव्य प्रवेश

. प्रमचंद की श्रेष्ठ कहानियाँ (प्रथम ५ कहानियाँ)

. सरल संस्कृत बाल-बोध (पथ १ से ५ तक)

परिचय :

. सचित्र हिंदी व्याकरण तथा रचना

. हम कौन थे (पद १ से ५० तक)

. रामचरितमानस :अयोध्या कांड (दो: १०२ से १२६ तक)

. कहानी कुंज

. मोरिशस में खड़ी बोली की व्यवस्था और प्रसार (अध्याय :१ से ५ तक)

. सरल संस्कृत शिक्षक (भाग १)

प्रथमा :

  1. भट्ट निबंधावली

  2. नूतन कहानी संग्रह

  3. नवीन पद्य संग्रह

  4. काव्यांग कल्पद्रुम

  5. वाणी विलास (प्रथम भाग)

मध्यमा:

 

  1. ब्रजमाधुरी सार

  2. सूर-सुषमा

  3. रामचरितमानस (बालकाण्ड)

  4. सुदामाचरित

  5. आधुनिक कविता संकलन

  6. आंसू

  7. निबंध निश्चय

  8. नुनखार्वाले बाबा सम्मोह्नानंद

  9. आचार्य विष्णुगुप्त

  10. अभिनव एकांकी संग्रह

  11. संस्कृत सुषमा

  12. हिंदी भाषा और नगरी लिपि